भिवानी टीचर मनीषा केस के बीच हरियाणा से एक और सनसनी: बेटे ने अपनी मां को कुल्हाड़ी से उतारा मौत के घाट

 भिवानी टीचर मनीषा केस के बीच हरियाणा से एक और सनसनी: बेटे ने अपनी मां को कुल्हाड़ी से उतारा मौत के घाट

हरियाणा में एक बार फिर मातृत्व और ममता पर सवाल उठाने वाला दर्दनाक मामला सामने आया है। कुरुक्षेत्र के लाडवा इलाके में एक तलाकशुदा महिला की हत्या उसके ही नाबालिग बेटे ने कर दी। कारण — शक।

यह घटना न केवल इंसानी रिश्तों के बिखराव को दिखाती है, बल्कि समाज में बढ़ती मानसिक जटिलताओं की भी झलक पेश करती है।

 क्या हुआ उस रात?

21 अक्टूबर की रात लाडवा कस्बे के एक शांत मोहल्ले में अचानक चीखें गूंज उठीं।
45 वर्षीय मुकेश, जो कुछ साल पहले अपने पति जयभगवान से अलग हो गई थी, अपने घर में अकेली रहती थी। उसी रात करीब सवा 11 बजे, उसका छोटा बेटा — जो महज 11वीं क्लास का छात्र है — घर पहुंचा।

पड़ोसी हरिचंद के मुताबिक, बेटे को शक था कि उसकी मां किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ अवैध संबंध रखती है। गुस्से और अविश्वास के उस एक पल में उसने वह कर डाला, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।

 कुल्हाड़ी से वार, फिर भाग गया आरोपी

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, किशोर ने अपनी मां के सिर और चेहरे पर कुल्हाड़ी से कई वार किए।
मुकेश ने जान बचाने की कोशिश की और छत के रास्ते पड़ोसी के घर भागी, लेकिन बेटा पीछा करता रहा।
सीढ़ियों पर उसने आखिरी वार किए, और वहीं महिला की मौत हो गई।

वारदात के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया।

 पुलिस की कार्रवाई और जांच की दिशा

घटना की सूचना पड़ोसी ने पुलिस को दी।
लाडवा थाने के कार्यकारी SHO सुनील कुमार ने बताया कि मामले की जांच जारी है
पड़ोसी की शिकायत पर नाबालिग बेटे के खिलाफ BNS की धारा 103(1) (जो हत्या के अपराध से संबंधित है) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

 परिवार की पृष्ठभूमि

मुकेश और जयभगवान के दो बेटे हैं।

  • बड़ा बेटा करीब 3 साल पहले कनाडा पढ़ाई के लिए गया था।
  • छोटा बेटा, जो अब आरोपी है, कुछ समय पहले तक अपनी बुआ सुमन के घर किरमच गांव में रहता था।
    वह वहीं से 10वीं पास करने के बाद अपने पिता के पास रहने आ गया था।

मुकेश अपने घर में अकेली रहती थी।
पड़ोसियों के मुताबिक, “वो शांत स्वभाव की थी, किसी से झगड़ा नहीं करती थी।”

 समाज के लिए सवाल

एक मां, जिसने अकेले दो बेटों की परवरिश की —
एक विदेश में पढ़ रहा है, और दूसरा… जेल की दहलीज पर खड़ा है।

क्या यह सिर्फ “चरित्र पर शक” का मामला है या एक टूटे हुए परिवार की गूंज, जो अंत में त्रासदी में बदल गई?
हरियाणा में ऐसे कई केस सामने आ चुके हैं, जहाँ मानसिक तनाव, पारिवारिक विवाद और सामाजिक दबाव हिंसा में बदल जाते हैं।

 

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