तेज़ रफ्तार क्रेटा और एलईडी लाइट बनी काल: सोनीपत में ट्रैक्टर पलटने से दो किसानों की दर्दनाक मौत
सोनीपत ज़िले के गांव चिटाना में देर रात उस समय मातम पसरा जब दो किसानों की खेत जाते समय अचानक मौत हो गई। यह हादसा तब हुआ, जब ट्रैक्टर पर सवार किसान नहरी पानी खेतों तक पहुंचाने निकल रहे थे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था…
अंधेरे में चमकी एलईडी लाइट … और हो गया हादसा
रात करीब 11 बजे मनोज औ
र उसका पड़ोसी योगेश ट्रैक्टर पर सवार होकर खेतों की ओर बढ़ रहे थे। गांव से लगभग 500 मीटर की दूरी पर सामने से तेज़ रफ्तार में एक क्रेटा कार आ रही थी। कार की तीखी एलईडी लाइट चालक मनोज की आंखों में सीधे पड़ गई, जिसके कारण वह कुछ पल के लिए दिखाई नहीं दे पाया।
इस दौरान ट्रैक्टर संतुलन खो बैठा और राजेश के खेत में पलट गया—जहां ज़मीन काफी गहरी थी। इससे दोनों किसान ट्रैक्टर के नीचे बुरी तरह दब गए।
बचाव की पुकार, पर अंधेरा बना दुश्मन
हादसे के बाद योगेश ने मदद के लिए आवाज़ लगाई, लेकिन रात के सन्नाटे ने उसकी चीखें दबा दीं। कुछ मिनटों में दोनों की सांसें थम चुकी थीं।
कुछ देर बाद वहां से गुजर रहे एक शख्स ने ट्रैक्टर पलटा देखा और तुरंत ग्रामीणों को सूचना दी। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
पुलिस जांच में जुटी, ड्राइवर फरार
सूचना मिलते ही मोहाना थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल भेज दिया गया।
कार चालक हादसे के बाद मौके से फरार हो गया।
पुलिस ने:
✔ परिजनों की शिकायत दर्ज की है
✔ अज्ञात कार चालक के खिलाफ मामला बनाया है
✔ आसपास की सड़क के सीसीटीवी कैमरे जांचे जा रहे हैं
गांव में पसरा मातम, दो परिवारों की टूटी कमर
घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर है। ग्रामीणों के अनुसार:
🔹 39 वर्षीय मनोज – अकेले बेटे के पिता, खेती से ही परिवार चलता था
🔹 25 वर्षीय योगेश – अविवाहित, 12वीं के बाद पिता के साथ खेती कर रहा था
मनोज अपने घर का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। पीछे पत्नी और 11 वर्षीय बेटा है।
योगेश के बड़े भाई दिल्ली पुलिस में हैं।
मनोज का 11 साल का बेटा हुआ अनाथ
लोगों की आंखें तब नम हो गर्इं जब मासूम बेटे की याद आने लगी। अब घर की आर्थिक हालत पर बड़ी चुनौती खड़ी है। गांव के लोग परिवार की मदद की बात कर रहे हैं।
क्या एलईडी लाइट्स बनीं खतरा?
हाल के समय में वाहन चालकों द्वारा लगाई जाने वाली अत्यधिक चमकदार एलईडी लाइटें रात में बेहद ख़तरनाक साबित हो रही हैं।
यह हादसा उसी का बड़ा उदाहरण है।
समाप्ति नहीं… यह एक चेतावनी है
यह घटना सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि किसान परिवारों के लिए बड़ी त्रासदी है। गांव के लोगों का मानना है कि अगर कार चालक समय पर मदद करता, शायद जान बच जाती।