सुप्रीम कोर्ट की राहत: DELHI-NCR में ‘हरित पटाखों’ की बिक्री और उपयोग को मंज़ूरी
दीपावली पर सीमित अवधि और शर्तों के साथ अनुमति, अदालत बोली— “यह एक परीक्षण मामला”दीपावली से पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर के लोगों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने पटाखों पर लगे पूर्ण प्रतिबंध में आंशिक ढील देते हुए ‘हरित पटाखों’ (Green Firecrackers) की बिक्री और उपयोग की अनुमति दे दी है।
कोर्ट ने यह अनुमति सीमित समय और सख्त शर्तों के साथ दी है, ताकि देखा जा सके कि धार्मिक परंपराओं और पर्यावरणीय सुरक्षा — दोनों के बीच संतुलन कैसे बनाया जा सकता है।
कब और कैसे कर सकेंगे पटाखों का इस्तेमाल
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने आदेश दिया कि—
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बिक्री की अनुमति: 18 से 20 अक्तूबर तक
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उपयोग की अनुमति: केवल 19 और 20 अक्तूबर को
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समय सीमा: सुबह 6–7 बजे और रात 8–10 बजे
कोर्ट ने साफ कहा कि यह आदेश “टेस्ट केस” के रूप में लागू होगा और यदि परिणाम सकारात्मक रहे, तो भविष्य में इस मॉडल पर विचार किया जा सकता है।
प्रदूषण की निगरानी पर जोर
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और राज्य प्रदूषण बोर्डों को निर्देश दिया है कि वे 14 से 25 अक्तूबर तक वायु और जल गुणवत्ता पर नज़र रखें और रोज़ाना की AQI रिपोर्ट अदालत में जमा करें।
कोर्ट ने कहा, “हमें एक संतुलित रास्ता चुनना होगा, जिससे धार्मिक परंपराएँ बनी रहें और पर्यावरण की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो।”
2018 के फैसले का हवाला
अदालत ने 2018 के ‘अर्जुन गोपाल बनाम भारत संघ’ मामले का जिक्र करते हुए कहा कि ग्रीन पटाखों की अवधारणा उसी फैसले के बाद शुरू हुई थी। इन पटाखों से प्रदूषण कुछ हद तक कम होता है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के 2024 में जारी सालभर के प्रतिबंध आदेश को “पुनर्विचार योग्य” बताया, क्योंकि हरित पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम हानिकारक हैं।
केंद्र और राज्यों की अपील
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र और एनसीआर के राज्यों की ओर से कोर्ट से आग्रह किया कि दीपावली, क्रिसमस और नववर्ष जैसे अवसरों पर प्रतिबंध में छूट दी जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि बिक्री सिर्फ लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं को ही दी जाए और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स (जैसे फ्लिपकार्ट, अमेज़न) पर इसकी बिक्री पूरी तरह बंद रहे।
हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान ने भी कहा कि एनसीआर में लगा व्यापक प्रतिबंध उनके राज्यों के हिस्सों को भी प्रभावित कर रहा है।
अदालत ने तय किए सख्त नियम
सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री और निगरानी के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं —
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बिक्री केवल लाइसेंस प्राप्त दुकानों से होगी।
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केवल NEERI और PESO से प्रमाणित निर्माताओं के पटाखे ही बेचे जा सकेंगे।
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लड़ीदार (सीरीज़) पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
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बिक्री स्थल जिला प्रशासन द्वारा तय किए गए स्थानों पर ही होंगे।
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संयुक्त गश्ती टीमें (पुलिस + प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) निगरानी करेंगी।
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नियम तोड़ने पर लाइसेंस रद्द और स्टॉक ज़ब्त किया जाएगा।
विशेषज्ञों की चेतावनी
पर्यावरण विशेषज्ञों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को “संतुलित लेकिन चुनौतीपूर्ण” बताया है।
पर्यावरण वकील ऋत्विक दत्ता ने कहा, “यदि कोई उत्पाद पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, तो उसके लिए चरणबद्ध प्रतिबंध का रास्ता अपनाना चाहिए।”
देबादित्य सेन, विद्हि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी के शोधकर्ता, ने चेताया कि हरित पटाखे भी प्रदूषण को पूरी तरह खत्म नहीं करते। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में PESO परीक्षण सुविधा न होने के कारण निगरानी मुश्किल है।
यह दीपावली बनेगी संतुलन की परीक्षा
इस बार की दीपावली सिर्फ रोशनी का नहीं, बल्कि “संतुलन की परीक्षा” बनेगी — परंपरा और पर्यावरण, दोनों के बीच सामंजस्य की।
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से उम्मीद है कि उत्सव की खुशी और पर्यावरण की सुरक्षा, दोनों साथ चल सकें।