पराली जलाने की बजाय UPCSR का 56 रुपए वाला जुगाड़: 10 दिन में खेत में बनेगा खाद और मिट्टी भी होगी स्वस्थ
धान की कटाई के बाद खेत में बचने वाली पराली और गन्ने की पताई किसानों के लिए हमेशा एक बड़ी चुनौती रही है। पराली जलाने की प्रथा अब पर्यावरण और मिट्टी के लिए हानिकारक साबित हो रही है। लेकिन यूपीसीएसआर के वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए एक ऐसा समाधान तैयार किया है, जो पराली और गन्ने की पताई को सिर्फ 10 दिन में खाद में बदल सकता है, और वह भी सिर्फ 56 रुपए प्रति किलो की किफायती दर पर।
ऑर्गेनो डी कंपोजर से मिट्टी का स्वास्थ्य सुधरेगा
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. सुनील कुमार विश्वकर्मा के अनुसार, ऑर्गेनो डी कंपोजर ट्राइकोडर्मा स्पीशीज से तैयार किया गया एक उच्च गुणवत्ता वाला जैविक उत्पाद है। इसका उपयोग करने से:
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पराली और गन्ने की पताई खेत में ही सड़ जाती है।
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मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा बढ़ती है।
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किसानों की रासायनिक उर्वरक पर निर्भरता कम होती है।
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अगली फसल की बुवाई जल्दी और आसानी से की जा सकती है।
पराली से खाद बनाने की आसान विधि
स्टेप-बाय-स्टेप गाइड:
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धान या गन्ने के फसल अवशेष खेत में जोत दें।
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10 किलो ऑर्गेनो डी कंपोजर प्रति हेक्टेयर खेत में डालें।
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खेत में हल्की सिंचाई करें।
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इसके बाद 40 किलो यूरिया और 50 किलो सिंगल सुपर फास्फेट छिड़कें।
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नमी बनाए रखते हुए 10 दिन बाद खेत को फिर से जोतें।
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अब खेत में अगली फसल बोई जा सकती है।
टिप: ऑर्गेनो डी कंपोजर को गोबर की सड़ी हुई खाद या मिट्टी में मिलाकर खेत में फैलाया जा सकता है।
ऑर्गेनो डी कंपोजर कहां से खरीदें?
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर से किसान ऑर्गेनो डी कंपोजर सिर्फ 56 रुपए प्रति किलो की दर पर खरीद सकते हैं।