दिवाली से पहले हरियाणा की हवा हुई जहरीली: बल्लभगढ़ में AQI 300 पार, बढ़ा खतरा


दिवाली से पहले हरियाणा की हवा हुई जहरीली: बल्लभगढ़ में AQI 300 पार, बढ़ा खतरा

जैसे-जैसे दिवाली करीब आ रही है, हरियाणा की हवा भी धीरे-धीरे जहरीली होती जा रही है। रविवार को बल्लभगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 305 तक पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ (Severe) श्रेणी में आता है। राज्य के कई अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता खराब स्तर पर दर्ज की गई है।


🚨 हरियाणा के कई शहरों में प्रदूषण का खतरा बढ़ा

  • बल्लभगढ़: AQI 305 (गंभीर श्रेणी)

  • गुरुग्राम, बहादुरगढ़, रोहतक, नारनौल: वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में

  • भिवानी: सबसे साफ हवा, AQI 33 (‘अच्छी’ श्रेणी)

  • हिसार: AQI डेटा उपलब्ध नहीं (मापक यंत्र बंद)

इन आंकड़ों से साफ है कि प्रदेश के कई हिस्सों में हवा की स्थिति तेजी से बिगड़ रही है।


⚙️ GRAP चरण-2 लागू: प्रदूषण पर नकेल कसने की कोशिश

प्रदूषण के लगातार बढ़ते स्तर को देखते हुए राज्य सरकार ने GRAP (Graded Response Action Plan) के दूसरे चरण की पाबंदियां लागू कर दी हैं।
इससे पहले 14 अक्टूबर को GRAP का पहला चरण लागू किया गया था। अब सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें निर्माण कार्यों पर नियंत्रण, वाहन उत्सर्जन की जांच और सड़क धूल को कम करने पर जोर शामिल है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ इलाकों में AQI 500 तक पहुंच रहा है — यानी हवा इतनी खराब कि सांस लेना भी मुश्किल हो सकता है।


🎆 ग्रीन पटाखों को छोड़कर बाकी पटाखों पर पाबंदी

राज्य सरकार ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर बाकी सभी पटाखों की बिक्री और उपयोग पर रोक लगा दी है।
हालांकि, जमीनी स्तर पर यह प्रतिबंध प्रभावी नहीं दिख रहा — बाजारों में अब भी परंपरागत पटाखों की बिक्री जारी है, जिससे प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठ रहे हैं।


🌍 किन जिलों में कैसी है हवा

  • ‘मध्यम’ श्रेणी: सोनीपत, कैथल, कुरुक्षेत्र, धारूहेड़ा, फतेहाबाद, अंबाला, पंचकूला, करनाल, जींद, पानीपत, यमुनानगर

  • ‘अच्छी’ श्रेणी: भिवानी

  • ‘खराब से गंभीर’ श्रेणी: गुरुग्राम, बल्लभगढ़, रोहतक, नारनौल, बहादुरगढ़


🫁 दिवाली के बाद हालात और बिगड़ने की आशंका

विशेषज्ञों का अनुमान है कि दिवाली के बाद AQI का स्तर दोगुना हो सकता है।
इससे वायुमंडल ‘गैस चैंबर’ में बदल सकता है, जिसका सबसे अधिक असर सांस और हृदय रोगियों पर पड़ेगा। प्रदूषण से बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य को भी गंभीर खतरा है।


💡 अब ज़रूरत है जागरूकता और जिम्मेदारी की

सरकार के नियम तभी प्रभावी होंगे जब लोग भी अपनी जिम्मेदारी समझें।

  • पटाखों का सीमित उपयोग करें

  • वाहन का कम उपयोग करें

  • पेड़ लगाएं और खुले में कचरा न जलाएं

स्वच्छ हवा हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है — आइए, इस दिवाली को ‘ग्रीन दिवाली’ बनाएं।

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